अशोक वृक्ष - ASHOKA TREE


 ASHOKA TREE - अशोक वृक्ष
 
 शास्त्रों के अनुसार पेड़-पौधों के अलग-अलग उपायों से भी हमारी धन संबंधी और घर-परिवार से जुड़ी तमाम परेशानियों को दूर किया जा सकता है।

यहां जानिए एक ऐसे वृक्ष के चमत्कारी उपाय जो आसानी से हमारे घर के आसपास दिखाई देता है। यह वृक्ष है अशोक का। अशोक के पत्तों का उपयोग घर की सजावट में और अन्य पूजन संबंधी कार्यों में किया जाता है।


अशोक का वृक्ष सदाबहार है, हर मौसम में यह हरा-भरा रहता है। घरों में इसके वृक्षों से वंदरवार बनाई जाती है। किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य अशोक के पत्तों की वंदनवार के बिना अधूरा ही रहता है। इसी के पत्तों के कारण घर में धार्मिक वातावरण दिखाई देता है।

रामायण के अनुसार जब रावण सीता को हरण करके लंका ले गया तब उसने माता सीता को अशोक के वृक्ष के नीचे ही रखा था। इस पेड़ का नाम अशोक इसीलिए पड़ा क्योंकि इसी वृक्ष से माता सीता के शोक को दूर किया था।

अशोक के पेड़ के नीचे बैठकर की गई आराधना और भक्ति से बहुत ही जल्द सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं। अत: इसका पौराणिक महत्व काफी अधिक है।

सामान्यत: अशोक के वृक्ष दो प्रकार के होते हैं। पहला अशोक का वृक्ष वह है जिसके पत्ते रामफल के समान और फूल नारंगी रंग के होते हैं। दूसरा अशोक का वृक्ष वह है जिसके पत्ते आम के पत्तों के समान और फूल सफेद होते हैं।

जिन घरों में यह वृक्ष होता है वहां धन-संपत्ति की कोई कमी नहीं होती है।

अब जानिए इस पेड़ के खास चमत्कारी उपाय...

यदि कोई व्यक्ति धन की कमियों से परेशान है तो उसकी समस्याओं का समाधान अशोक के वृक्ष से किया जा सकता है। अशोक के वृक्ष की जड़ को आमंत्रण देकर अपने घर ले आएं और तिजोरी में या दुकान में या किसी पवित्र स्थान पर रखने से पैसों की समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।

यदि किसी घर में पति-पत्नी के बीच तनाव रहता हो, लड़ाई-झगड़े अधिक होते हो तो वहां अशोक के पत्तों से एक खास उपाय किया जाना चाहिए। उपाय के अनुसार अशोक के 7 पत्ते घर में देवी-देवताओं की प्रतिमा के सामने रखें। जब भी पत्ते मुरझा जाए तो दूसरे सात पत्ते रख दें। जो पत्ते सुख जाते हैं या मुरझा जाते हैं उन्हें पीपल के वृक्ष की जड़ों में डाल देना चाहिए। इस उपाय से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।

जब भी घर में कोई मांगलिक उत्सव मनाया जाए या कोई त्यौहार हो या कोई विवाह आदि कार्यक्रम हो तो अशोक के पत्तों की वंदनवार लगाएं। वंदनवार ऐसे लगाए कि उसके नीचे से निकलने वाले लोगों के सिर पर वह स्पर्श होती रहे।
वंदरवार अधिक ऊपर नहीं लगाई जाना चाहिए। इसके प्रभाव से घर परिवार में सुख और शांति बढ़ती है। कार्यों में सफलता मिलती है।

इस वृक्ष को स्त्रियों का वृक्ष कहा जाता है क्योंकि इसका उपयोग कई प्रकार स्त्री संबंधी बीमारियों की दवाओं में भी किया जाता है। यदि कोई स्त्री अशोक के वृक्ष की छाल को पानी में उबालकर पीए तो कई रोगों में यह फायदेमंद होता है अशोकारिष्ट इस वृक्ष से बनने वाली प्रमुख औषधि है।

तंत्र शास्त्र में भी अशोक के वृक्ष के कई उपाय बताए गए हैं, इन्हीं उपायों में से एक उपाय है कि यदि कोई व्यक्ति अशोक के पत्तों को सिर पर धारण करें या अपने पास रखें तो उसे सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

अशोक के वृक्ष की वंदनवार बहुत चमत्कारी होती है। वंदनवाल के हरे पत्ते ही नहीं बल्कि सूखे पत्ते भी घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाए रखते हैं। इसी लिए इसकी वंदनवार को एक बार बांधने के बाद तब तक नहीं उतारा जाता है जब तक कि कोई दूसरा मांगलिक अवसर न आ जाए।

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